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Showing posts from October, 2018

परिवार या मित्र

आमतौर पर जब किसी इन्सान से ये पूछा जाता है की उसके जीवन में सबसे ज्यादा कौन मह्त्वपूण है तब उसके उत्तर में वो अपने परिवार के सभ्यो या तो मित्रो के ही नाम देता है। किसी भी इन्सान की दुनिया उसके परिवार और मित्रो के इर्द गिर्द ही बसी हुए होती है।                                     पर कही बार परिवार और मित्रो के बारे में जब सलाह मासफरा कीया जाता है तब उस इंसान को उसके मित्रो के प्रति स्नेह तथा लगाव को कम करने की सलाह दी जाती है।  ऐसी परिस्थिति में कोइ भी ये बात को समझना नहीं चाहता के एक इंसान का उसके परिवार के अलावा उसके मित्रो के तरफ ज्यादा झुकाव क्यों रहता है।  सायद दुनिया और समाज के कायदे कानून की वजह से इंसान अपने परिवार और मित्रो के बिच में फस जाता है।                                                            ...