Skip to main content

जिंदगी की किताब का एक पन्ना

         
        जिंदगी ! एक ऐसा शब्द जिसे पृथ्वी पे बस्ता हर एक जीव अलग अलग तरह से महसूस करता है । और इस जिंदगी के लिए ऐसा कहा जाता है की ये बोहोत कुछ शीखा जाती है। और कुछ लोग तो ऐसा भी कहते है की जिंदगी के हर एक पल में से हमें कुछ ना कुछ शीखना चाहिए। और ये बात कही न कही सही भी है। क्युकी शीखा हुआ कभी व्यर्थ नहीं जाता। यानी की जिंदगी की हर एक शीख आगे की जिंदगी में कही ना कही काम आही जाती है।

            हा,ये बात अलग है की एक ही घटना में से हरेक इंसान कुछ ना कुछ अलग शीखता है। पर ये बात भी सही है की शीखता जरूर है। पर ये शीखने की कस्मकस में हम कही बार कही ना कही खो जाते है। हम एक धारणा कर लेते है जिंदगी की घटना हमें कुछ ना कुछ शीखायेगी  या तो कोई इंसान उस घटना से कुछ शीखा जायेगा या तो उस घटना का सार शीखा जायेगा। 

            पर क्या असल में ऐसा होता है ? क्या हर बार हमें शीखाने के लिए कोई होना चाहिए ? क्या असल  में  हर बार कुछ शीखने का ही  उदेश होना चाहिए ?  ऐसे तो कितने प्रश्न उठते है मनमे पर इन प्रश्नो के जवाब सायद न मिल पाए। कारण ! क्योकि हर बार कुछ शीखने मिलेगा ऐसा सोच कर बैठा नहीं रहा सकता। अगर ऐसा सोच कर बैठे रहे तो सायद कितना कुछ पीछे छूट जाये। 

            कुछ बार जिंदगी के कुछ किस्से कुछ पलो को सिर्फ सच्चे मन से जी लेना ही काफी होता है। बस कुछ बार जिए हुइ ये क्षण ही हमें हमारी जिंदगी में अटकने नहीं देता। या तो हमारी जिंदगी को अटकने नहीं देता। शीखना , शीखने की भाषा में कहे तो सच्चे मन से जिए हुए पल ही कही बार बोहोत कुछ शीखा जाती है। 

            और इसी तरह ही ये पूरी बात की शीख भी यही है की हर बार कुछ प्राप्त करने से ज्यादा जरुरी सच्चे मन से जी लेना होता है। तो ये पाने की रेस में जीना शामिल कर दे तो सायद पाने की रेस सायद ज्यादा आनंददायी बन जाए। 


Comments

Popular posts from this blog

About Us

            मै एक ब्लॉगर हु। मुझे सामाजिक विषयो पर लिखना अच्छा लगता हैं ।  समाज में रहने वाले हर एक इंसान की सोचने और समाज ने की शक्ति अलग होती हैं । ऐसे हालत में किसी भी बात को अलग तरीके से देखने का मेरा नजरिया बाकि लोगो को बताना मुझे अच्छा लगता है। मेरी कोशिश यही रहती है की मैं अपने शब्दों की मदद से लोगो तक अपनी बात पहोचा सकू और उन्हे समजा सकू।              मेरे तक़रीबन चार लेख न्यूज़पेपर में भी आ चुके है। माध्यम चाहे कोई भी हो पर कोशिश हमेशा यही रहती हैं की में लोगो के सामने एक नया नजरिया पेश कर सकू। 

જિંદગી ની શીખ Rutvi Thacker

Image Source: http://epaper.kutchmitradaily.com/viewpage.php?edition=Kutchmitra%20Purti&date=2018-11-24&edid=KUTCHMITRA_APU&pn=4#Page/4   I am a blogger and I’m a passionate about writing. My articles were published by Kutchmitra-Yuvabhumi. I’m happy to be a part of Kutchmita. Let’s connect with me on  social media: Facebook , Twitter, LinkedIn. Email :rutvithacker.11@gmail.com